सेल्स में प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप कैसे करें

सेल्स में प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप कैसे करें

आपने मेहनत व समय खर्च कर प्रोस्पेक्ट बनाया, उससे मिले, उसे प्लान दिखाया, किंतु आपने प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप नहीं किया या कहें सही ढंग से फॉलोअप नहीं किया तो आपकी सेल्स क्लोस होने की संभावना बहुत कम होती है। सेल्स में प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप करना, सेल्स क्लोस करने की मुख्य प्रकिया है।

इन बातों को ध्यान में रखकर प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप करें

1.              जब तक आपके प्रोस्पेक्ट ने आपका प्रोडक्ट नहीं खरीदा, तब तक उसका फॉलोअप करते रहें और बार बार फॉलोअप करते रहें। प्रोडक्ट के बारे में बताते वक्त जिस प्रोस्पेक्ट ने रूची ली थी। उसका बार बार फॉलोअप करें, यदि वह एक दो फॉलोअप में प्रोडक्ट नहीं खरीदता है, तो भी कम से कम 5 बार फॉलोअप करें।  सैल्स कॅलोस करने में फॉलोअप का अहम रोल होता है।

2.             यदि जरूरत पड़ी तो तो अपने सीनियर से फॉलोअप करायें।

3.              आपके प्रोडक्ट के उपयोग से, जो ग्राहक सबसे ज्यादा खुश हैं, हो सके तो प्रोस्पेक्ट को उनसे मिलायें या बात करायें।

4.              याद रहे फॉलोअप  सैल्स पूरी करने का सबसे अहम हिस्सा है। बेहतर फॉलोअप  के लिए यदि प्रोस्पेक्ट को प्लान दिखाने के बाद उसका निरिक्षण कर उसे डायरी पर नॉट कर लिया जाये, तो यह एक सबसे बेहतर काम है।

प्रोस्पेक्ट का नकारात्मक फॉलोअप करें


सेल्स में प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप सकारात्मक व नकारात्मक दोनो तरह से किया जाता है। अधिकतर नये सेल्समैन प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप करते समय केवल सकारात्मक दृष्टिकोण ही अपनाते हैं। जबकि सफल सेल्समैन प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप करते समय नकारात्मक दृष्टिकोण का भी इस्तमाल करते हैं।
सकारात्मक फॉलोअप में एक सेल्समैन अपने प्रोस्पेक्ट को प्रोडक्ट की विशेषताओं के साथ साथ, ये बताता है कि यदि प्रोस्पेक्ट प्रोडक्ट को खरीदेगा तो उसे क्या क्या लाभ होगा।


प्रोडक्ट से प्रोस्पेक्ट को क्या क्या लाभ हो सकता है यह सकारात्मक फॉलोअप में बताया जाता है।
वहीं नकारात्मक फॉलोअप में सेल्समैन अपने प्रोस्पेक्ट को यह बताने की कोशिश करता है कि यदि वह प्रोडक्ट नहीं खरीदेगा, तो उसे क्या क्या नुकसान हो सकता है। प्रोडक्ट न खरीदने से प्रोस्पेक्ट को क्या क्या परेशानिया उठानी पड़ सकती हैं, यह नकारात्मक फॉलोअप में बताया जाता है।


उदाहरण के तौर पर यदि आप क्रेडिट कार्ड सैल कर रहें है तो –
सकारात्मक फॉलोअप – यदि आप क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो आप कैशबैक, सामान को मासिक किस्त पर खरीद सकते हैं इत्यादि।
इसमें आप अपने प्रोस्पेक्ट को क्रेडिट कार्ड के फायदे बताते हैं।


नकारात्मक फॉलोअप – यदि आप क्रेडिट कार्ड नहीं खरीदते हैं और कभी आपको अचानक अस्पताल आदि में पैसो की जरूरत पड़ जाती है और आपके पास पैसे न हो। तब ऐसी स्थिति में आपको पैसो की मद्द के लिए अपने दोस्तो व परिवार वालो की मद्द लेनी पड़ेगी। आपको किसी से उधार पैसे लेने के लिए हाथ फैलाने पड़ेगें।
इसलिए आप क्रेडिट कार्ड ले लिजिए, ताकि जरूरत के वक्त आपको किसी के सामने हाथ न फैलाना पड़े।

प्रोस्पेक्ट को देरी के नुकसान के बारे में अवश्य बतायें


यदि आपका प्रोस्पेक्ट आपके प्रोडक्ट से संतुष्ट है और वह खरीदने के लिए राजी हो जाता है किंतु किसी कारण वस वह तुरंत में नहीं खरीद पा रहा हो। उसे प्रोडक्ट खरीदने के लिए कुछ दिनो का समय चाहिए है। तब इन स्थिति में आप उसे देरी से खरीदने के नुकसान के बारे में अवश्य बतायें।


उसे बतायें कि आपके जो कुछ ऑफर अभी चल रहें हैं, वे सीमित समय के लिए ही हैं और कुछ ही समय के बाद ये ऑफर खत्म हो जायेगंे। यदि वह यही समान कुछ दिनो बाद खरीदेगा तो उसे इसी समान की अधिक कीमत देनी पड़ सकती है, या फिर उसे यह सामान नहीं मिलेगा।
आप अपने प्रोस्पेक्ट को यह अच्छी तरह समझा दें कि यदि वह आपका प्रोडक्ट अभी नहीं खरीदेगा तो उसे क्या क्या नुकसान हो सकता है।


समान ग्राहक के सकारात्मक अनुभवो को अवश्य बतायें


जब भी आप किसी प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप कर रहे हों, तो आप इस प्रोस्पेक्ट के समान अपने पुराने ग्राहकों के सकारात्मक अनुभवो कों अवश्य बतायें।
मान लेते हैं कि आपका प्रोस्पेक्ट जिस प्रोफेशन में हैं, उसी प्रोफेशन का आपका जो कोई पुराना ग्राहक हो, वह आपके प्रोडक्ट से खुश हो और प्रोडक्ट से उस ग्राहक से अधिक फायदा हो रहा हो, तो आप उस ग्राहक के सकारात्मक अनुभवों को इस प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप करते समय अवश्य साझा करें।
यदि हो सके तो अपने उस खुश ग्राहक की इस प्रोस्पेक्ट से बात करा दें।

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अपने पुराने खुश ग्राहक व इस नये प्रोस्पेक्ट में आप प्रोफेशन, एक ही जैसा काम करने, एक ही कंपनी में काम करने, एक ही शहर या गॉव से आकर इस शहर में बसे हों, एक ही स्कूल या कॉलेज से पढ़ाई की हो, आर्थिक स्थिति एक जैसी हो, एक जैसी कार हो, आदि के आधार पर आप इस प्रोस्पेक्ट और अपने खुश ग्राहक को जोड़ सकते हैं। इसके आद आप अपने खुश ग्राहक से इस नये प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप भी करा सकते हैं।

प्रोस्पेक्ट से मिलने के बाद, उसकी कही हुई बातों को एक बार रिमांइड करें व उनको लिख लें । उसने किस पोइंट पर अधिक रूचि ली, वा किस किस टॉपिक पर वह सहमत था और कहॉ पर सहमत नहीं था। इससे होगा यह कि आपको उसका फॉलोअप  करने में आसानी होगी। 

       याद रहे कि, यह सब आप अपनी डायरी में लिखे, यह न सोचे कि आपने एक बार रिमाइंड कर लिया है तो आपको याद रहेगा। मैं यहॉ स्पष्ट कर देना चाहता हॅू कि आपकी याददास्त कितनी भी मजबूत हो, आप डायरी में नॉट आवश्य करेंगें।

क्योंकि यदि प्रोस्पेक्ट का ठीक ढंग से फॉलोअप  नहीं हुआ तो हो सकता है कि आपकी सैल्स पूरी न हो और आपने प्रोस्पेक्ट तैयार करने में, उससे मिलने और उसको प्लान दिखाने के लिए जो मेहनत और समय खर्च किया है वह सब व्यर्थ ही चला जायेगा।

सेल्स में प्रोस्पेक्ट के सवालो को ध्यान से सुनकर कैसे फॉलोअप करे कि विधी मे मास्टर बनने के लिए एलन पीज की पुस्तक ” सवाल ही जवाब है ” एक बार अवश्य पढ़े।

  यदि आप सेल्स में फॉलोअप करने में माहिर हो गये तो, आपने जिन लोगो को अपना प्लान दिखाये उनका आपका प्रोडक्ट खरीदने की संभावना अधिक बढ़ जायेगी।

प्रोस्पेक्ट का फॉलोअप कम से कम कितनी बार करना चाहिए

तीन बार कम से कम फॉलो करना चाहिए

Follow up कितने दिन तक करना चाहिए

पहले कुछ दिन लगातार फॉलो करें किस के बाद एक बार 10 दिन बाद अवश्य फॉलो अप करें

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