telecalling ke liye data

telecalling ke liye data कैसे और कहाँ से खरीदें

telecalling ke liye data कैसे और कहाँ से खरीदें । टेलीकॉलिंग के लिए सही डाटा की पहचान कैसे करें। कॉलिंग के लिए सही डाटा कैसे खरीदे। telecalling ke liye data की पहचान कैसे करे।  telecalling ke liye data खरीदते समय किन किन चीजों का ध्यान रखें ।

टेलीकॉलिंग सेल्स बिजनेस कोविड के बाद से बड़ी तेजी से बड़ा है। कॉल पर ही ग्राहक को प्रोडक्ट बेचना आज के समय में बहुत ही ज्यादा चलन में है। आजकल जितने प्रोडक्ट ग्राहक के पास जाकर सेल्समैन सैल नहीं कर रहा है जितने टेलीकॉलिंग के माध्यम से बेचे जा रहे है।

टेलीकॉलिंग सेल्स में सफल होने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है telecalling ke liye data। यदि आप सही डाटा पर कॉल कर प्रोडक्ट सैल कर रहे है तो आप टेलीकॉलिंग में अधिक सफल हो सकते हैं।

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मोबाइल पर प्रोडक्ट सैल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि आप सही डाटा का उपयोग करे। इस लेख में हम जानेगे कि telecalling ke liye data कहॉ से खरीदे और डाटा खरीदते समय किन बातो का ध्यान रखना चाहिए

Telecalling ke liye data खरीदते समय इन 10 points को याद रखे

1 डाटा की गुणवत्ता को महत्व दे न कि डाटा की मात्रा को

2 नंबर आपके काम के हो, भले ही कम हो

3 खुद से भी डाटा मैनेज करते चले

4 telecalling ke liye data फिल्टर करने के लिए डायलर का उपयोग करे।

5 कम कीमत में ज्यादा नंबर खरीदने की कोशिश न करे

6 डेमो के लिए दिया गया डाटा पर भरोसा कर एक दिन से बहुत सारा डाटा न खरीदे ।

7 telecalling ke liye data कम कीमत या डिस्काउंट में मिल रहा है इस कारण कभी भी ज्यादा नंबर वाला डाटा न खरीदे।

8 भरोसेमंद कंपनी से लगातार डाटा खरीदे न कि एक ही बार अधिक डाटा खरीद लें।

9 यूज किये हुये डाटा को फिल्टर कर अपने पास रखे, यह फिल्टर डाटा आपके बहुत काम का हो सकता है।

10 इनवेल्डि व अमान्य नंबर व इंटरेस्टेड ग्राहक का डाटा फिल्टर करने के लिए  डायलर का उपयोग कर सकते हैं।

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telecalling ke liye data खरीदते समय क्लोटी को महत्व दे न की मात्रा को

telecalling ke liye data खरीदते समय डाटा की क्लोटी को महत्व दे न कि डाटा में ज्यादा नंबर होने पर

मान लेते हैं कि आप अपनी कंपनी के लिए telecalling ke liye data खरीद रहे हैं, एक जगह पर आपको पांच हजार में दो हजार नंबर्स का डाटा मिल रहा है और दूसरी जगह आपको पांच हजार मे दस हजार नंबर्स का डाटा मिल रहा है।

आप बोलोगे कि पांच हजार में दस हजार नंबर्स का डाटा खरीदना एक दम सही डील है।

लेकिन ऐसा नहीं है, यदि आप टेलीकॉलिंग के डाटा को फिल्टर करने के लिए डायलर आदि का इस्तमल नहीं करते हैं। तो आपके लिए पांच हजार मे दस हजार नंबर्स खरीदना नुकसानदायक हो सकता है।

इसको उदाहरण से समझते हैं

पहले केस में पांच हजार के दो हजार नंबर

आपने पांच हजार में दो हजार नंबर्स खरीदे और उन नंबरो पर कॉल कर आपके टेलीकॉलर ने 20 लोगो को माल बेच दिया।

दूसरे केस में पांच हजार के दस हजार नंबर

आपने पांच हजार में दस हजार नंबर्स खरीदे और उन नंबरो पर कॉल कर आपके टेलीकॉलर ने 30 लोगो को माल बेच दिया है।

अभी आप कहोगे कि पांच हजार में से दस हजार नंबर खरीदना आपके लिए फायदे का सौदा है।

चलिए इसे बारिकी से देखे –

मान लेते हैं कि आपके पास 5 टेलीकॉलर है और एक टेलीकॉलर की सैलरी दस हजार रुपये महिना है। महिने के औसत वर्किंग दिन गिने जाये तो 25 के लगभग ही होते हैं। इसका मतलब हुआ कि एक दिन की आपके टेलीकॉलर का 400 रुपये दिन होता है।

एक दिन में एक टेलीकॉलर 200 नंबरो पर कॉल करता है।

पहले केस में आपके पास पांच हजार के दो हजार नंबर थे।

आपके पांच टेलीकॉलर 200 नंबर एक टेलीकॉलर एक दिन में कॉल करेगा, इसके हिसाब से एक दिन में आपके सभी टेलीकॉलर ने 1000 नंबरो पर कॉल कर लिया और दो दिन में उन्होने पूरे दो हजार नंबरो पर कॉल कर लिया है।

आपका इन दो हजार नबंरो पर कॉल कराने का कुल खर्चा –

5000 डाटा का , 4000 टेलीकॉलिंग का आपका कुल खर्चा – 9000

जिसमे से यदि आपको एक सैल करने पर 1000 रुपये का फायदा होता है तो आपको 20 सैल करने पर 20,000 का फायदा हुया उसमें से 9000 घटाने पर आपका जो कुल फायदा हुआ वह 11,000 का हुआ है।

दूसरे केस को समझते हैं।

आपके पास इस बार पांच हजार के दस हजार नंबरो का डाटा है।

आपके पांच टेलीकॉलर दस हजार नंबरो पर दस दिन में कॉल कर लेगे।

अब इन दस हजार नंबरो पर कॉल कराने का कुल खर्चा – 5000 का डाटा

दस दिन की सैलरी आपके पांच टेलीकॉलर की – 20,000

आपका टोटल खर्च – 25,000

आपके टेलीकॉलर्स ने इन दस हजार नंबरो पर कॉल कर 30 लोगो को माल बेचा है।

इसके हिसाब से आपका फायदा – 30,000

आपका नेट फायदा – 5000

यहॉ पर आपने दस दिन खर्च कर पांच हजार रुपये कमाये हैं और पहले केस में आपने दो दिन में 11000 रुपये कमाये।

यदि एक दिन का नेट फायदा देखा जाये तो पहले केस में पांच हजार में दो हजार नंबर खरीद कर आपका एक दिन का नेट प्रोफिट – 5500 रुपया रहा ।

वहीं दूसरे केस में आपने पांच हजार में दस हजार नंबर खरीद कर एक दिन का नेट प्रोफिट – 500 रुपये रहा ।

यदि आपके टेलीकॉलर पांच हजार में दस हजार नंबरो पर 50 लोगो को माल बेचते हैं, तो आपका दस दिन में नेट प्रोफिट – 25000 हुआ । उस हिसाब से आपका एक दिन का नेट प्रोफिट – 2,500 हुआ।

यहॉ आपने पांच हजार में दस हजार नंबर खरीदे और उसमे से आपकी टीम ने 50 लोगो को माल बेचा। इसके बाद भी आप यदि एक दिन का प्रोफिट देखे तो आपको पांच हजार में खरीदे गये दो हजार नंबरो पर 20 लोगो को माल बेचना, फायदे का सौदा है। 

याद रखे आप जब भी अपनी कंपनी के लिए telecalling ke liye data खरीदे तो उसकी मात्रा से ज्यादा उस डाटा की गुणवत्ता पर अधिक महत्व दें।

       समान कीमत पर लाखो नंबर का कम गुणवत्ता वाला डाटा खरीदने से अच्छा है। समान कीमत पर अधिक गुणवत्ता वाला कम नंबरो वाला डाटा।

जब आप telecalling ke liye data खरीदे तो इस बात का विषेष ध्यान रखे कि डाटा आपके काम का हो भले ही कम नंबरो वाला ही क्यो हो।

ज्यादा नंबरो वाला डाटा जो कम काम है आपके लिए नुकसान का सौदा है।

     telecalling ke liye data एकदम से ज्यादा न खरीदे

जब भी आप अपनी कंपनी के लिए telecalling ke liye data खरीद रहे हैं, तो इस बात का विषेष ध्यान रखे कि एक साथ बहुत ज्यादा डाटा न खरीदे।

 आपको कम कीमत में ज्यादा डाटा भी मिल रहा हो फिर भी एक साथ ज्यादा पैसे खर्च कर ज्यादा डाटा न खरीदे ।

आप टेलीकॉलिंग के लिए डाटा खरीद रहे हैं और आपने किसी कंपनी से डेमो के लिए पहले थोड़ा सा डाटा खरीदा। वह बहुत अच्छा निकला फिर भी आप एक साथ बड़े अमाउंट का डाटा न खरीदे।

Telecalling ke liye demo data पर भरोसा करे –

आप अपनी कंपनी के लिए किसी कंपनी या व्यक्ति से telecalling ke liye data खरीद रहे हैं और डील फाइनल करने से पहले आप उससे कुछ नंबर का डाटा डेमो के लिए लेते हैं।

आपने डेमो वाले डाटा पर अपने टेलीकॉलर्स से कॉल कराया, आपको रिसपोंस अच्छा मिला और फिर आपने एक बड़ी कीमत में ज्यादा से ज्यादा नंबर उस कंपनी या व्यक्ति से खरीद लिये। बाद में इस डाटा पर आपके टेलीकॉलर्स ने कॉल किया तो उस डाटा पर रिसपोंस बहुत ही बेकार रहा।

अब आपको समझ आता है कि सामने वाले ने आपको डेमो के लिए जो डाटा दिया था, वो इस डाटा में से नहीं था, जो बाद में आपने एक बड़ी कीमत पर खरीदा था।

अधिकतर डाटा सैल करने वाली कंपनियॉ ऐसा करती हैं, वे आपको जो टेलीकॉलिंग डाटा डेमो के लिए देती हैं, वह बहुत ही अच्छा और रिसपोंस मिलने वाला होता है।

अच्छा डेमो होने के बाद भी आप एक साथ उससे अधिक डाटा खरीदे।

भरोसामंद व्यक्ति या कंपनी से नियमित रूप से छोटा डाटा खरीदते रहे।

 मान लेते हैं कि आप अपनी कंपनी के लिए डाटा खरीद रहे हैं और उसके लिए आपने किसी डाटा सैलिंग कंपनी से संपर्क किया। कंपनी ने आपको डेमो के लिए कुछ डाटा दिया, उससे आप संतुष्ट हैं।

इसके बाद भी आपने कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई और आपने अब इस कंपनी से कुछ हजार दो हजार नंबर खरीदे। इन पर काम करके भी आपको अच्छा रिस्पोंस मिला, आप इस कंपनी से खरीदे हुये कुछ दो हजार नंबर के डाटा पर काम कर संतुष्ट हैं। आपको इस कंपनी पर  भरोसा हो चला है कि ये सही डाटा प्रदान कराते हैं, जिस पर अपको अच्छा रिस्पोंस मिलता है।

अब आपको और अधिक डाटा की जरूरत है, आप फिर इस कंपनी से दो चार हजार नंबरो का डाटा खरीदेगे। पर अब आपको यह कंपनी बोलेगी कि अब आपको भरोसा हो गया है तो एक बड़ी कीमत पर आप इनके पास से लाखो नंबर का एक बड़ा डाटा खरीद ले।

पर आप ऐसा न करे, आपको सामने वाली कंपनी पर  कितना भी भरोसा हो गया हो, कोशिश करें कि आप सिर्फ एक ही सप्ताह के लिए डाटा खरीदे और हर सप्ताह इस कंपनी से नया डाटा खरीदे।

हर सप्ताह इस कंपनी से डाटा खरीदते रहने से आप इस कंपनी के रेगुलर ग्राहक बन जायेगे। सामने वाली कंपनी खुद ही कोशिश करेगी कि वे आपको बेस्ट से बेस्ट डाटा प्रदान करे। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो आप उनसे डाटा खरीदना बंद कर देगे और उनको आपसे हर सप्ताह जो आमदानी हो रही थी वह बंद हो जायेगी।

टेलीकॉलिंग के लिए हर सप्ताह डाटा क्यों खरीदना चाहिए।

जो कंपनी आपको अच्छा डाटा देती है उससे हर सप्ताह डाटा खरीदने का फायदा

आप इस कंपनी के एक रेगुलर ग्राहक बन गये हैं, इस लिए यह कंपनी आपको बेस्ट से बेस्ट डाटा प्रदान करने की कोशिश करेगी।

हो सकता है कि इस कंपनी  के पास सिर्फ दो से चार लाख नंबरो का डाटा सही हो, जिस पर अच्छा रिस्पोंस मिल सकता है। वो उसने आपको पहले एक या दो बार में दे दिया, अब उसके पास वह डाटा न बचा हो जिस पर आपको अच्छा रिस्पोंस मिल पाये। तो आप इस कंपनी से डाटा खरीदना बंद कर सकते है।

यदि दो चार बार आपने इस कंपनी से डाटा खरीदा और आपको अच्छा रिस्पोंस मिला, अब आपने इस कंपनी से एक बड़ा डाटा खरीद लिया, यह सोच कर कि आपको हर सप्ताह डाटा न खरीदना पड़े। अब इस डाटा में हो सकता है कि ऐसा हो जाये कि इसमें सिर्फ दो सप्ताह का अच्छा डाटा हो और सामने वाली कंपनी ने इसको दो महीने के लिए डाटा बनाने के लिए इसमें बाकि का ऐसा डाटा मिला दिया जो आपके कोई काम का न हो।

यदि किसी सप्ताह सामने वाली कंपनी ने आपको जो डाटा दिया है उससे अच्छा रिस्पोंस नहीं आ रहा है। तो आप उस कंपनी से बोल सकते हैं कि यह डाटा सही नहीं है और वह कंपनी आपको दूसरा डाटा प्रदान करे। चूकी यह कंपनी लगातार आपसे आमदानी कर रही है इसलिए वह आपकी बात को मानेगी।

 यदि उनके पास दूसरा अच्छा डाटा होगा, तो वे अवश्य ही आपकी बात मानकर आपको अच्छा डाटा प्रदान करेगे। और यदि नहीं हुआ, तो आप इस कंपनी को छोड़ अगली कंपनी से डाटा खरीदने के लिए संपर्क करें।

आपने किसी कंपनी या व्यक्ति से कम नंबरो वाला एक छोटा सा डाटा खरीदा उसमें उस पर आपके टेलीकॉलर्स को अच्छा रिसपोंस मिला। आप इस कंपनी से खरीदे डाटा से संतुष्ट हैं, इसके बाद भी

डाटा खरीदने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी से एक साथ बहुत अधिक डाटा खरीदने के स्थान पर उसके रेगुलर ग्राहक बन जाये और लगातार उससे डाटा खरीदते रहे।

खुद से telecalling ke liye data मैनेज करते चले जायें।

यदि आपकी कंपनी में डाटा पर कॉलिंग कर लीड्स निकाली जाती है और आप कुछ सालो से यह काम कर रहे है। तब आपके पास कॉलिंग के लिए डाटा अवश्य होना चाहिए, यदि ऐसा नहीं है तो आप खुद से टेलिकॉलिंग के लिए डाटा मैनेज करते चले।

यदि आपने अभी तक डाटा मैनेज करना शुरू नहीं किया है, आप हर बार टेलिकॉलिंग के लिए डाटा नहीं खरीदते हैं। तब आपके लिए आवश्यक  है कि आप आज से ही डाटा मैनेज करना शुरू कर दें।

खुद से telecalling ke liye data कैसे मैनेज करें

आप जो भी डाटा खरीदे, एक बार उस पर कॉल हो जाने के बाद उसे खत्म न कर दें। मान लेते हैं कि आपने किसी कंपनी से टेलीकॉलिंग के लिए दस लाख नंबरो का डाटा खरीदा है और आप हर रोज उसमें से अपनी टेलीकॉलिंग टीम को कॉलिंग के लिए डाटा देते हैं।

एक बार इन सभी नंबरो पर टेलीकॉलर्स के द्वारा कॉल हो जाने के बाद इन नबरो को खत्म न करें।

हर रोज अपने टेलीकॉलर्स के द्वारा डाटा पर कॉल किये गये नबंरो को इस तरह मैनेज करे।

अपने टेलीकॉलर्स को हर नंबर के आगे फीडबैक लिखने को कहे। कॉलिंग के समय यदि लिखना कठिन लगता है, तो आप नंबरो का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने टेलीकॉलर्स को संकेतांक चिन्ह या सॉर्ट लेटर में फीडबैक लिखने के लिए कह सकते हैं।

उदाहरण के तौर पर

नंबर सही नही है, नंबर अवैध या सर्विस में नहीं है  – ( number not  exist) NNE

कॉल लगा लेकिन कस्टमर इंटरेस्टेड नहीं है – (not interested ) NI

कॉल लगा लेकिन जैसे ही आपने अपनी कंपनी का नाम बताया कस्टमर ने कॉल काट दिया – इसे भी आप NI में लिख सकते हैं।

कस्टमर आपको बाद में कॉल करने बोलता है – (customer call later) CCL

कस्टमर प्रोडक्ट लेना चाहता है लेकिन वह प्रोडक्ट लेने के निए एलीजिबल नहीं है। – Not eligible (NE) लिख सकते हैं।

हो सकता है कि आपका प्रोडक्ट ऐसा हो कि कस्टमर लेना चाहता है लेकिन वह उसकी कीमत पेय नहीं कर सकता है। इसके लिए आप उसे – NAF (not affordable) मार्क कर सकते हैं

कस्टमर आपके प्रोडक्ट लेना चाहता है लेकिन उसे कुछ समय चाहिए। ऐसे कस्टमर को आप अपने टेलीकॉलर्स को फॉलोअप में रखने के लिए कह सकते हैं । उनके सामने – FL (followup) फॉलाअॅप लिखें।

डाटा पर टेलीकॉलिंग के दौरान आपने टेलीकॉलर्स को कुछ ऐसे भी कस्टमर मिल सकते हैं, जो पहले से ही वह प्रोडक्ट उपयोग कर रहे हैं जो आप उन्हे सैल करना चाहते हैं। – ऐसे कस्टमर के सामने अपने कॉलिंग टीम को ALU (already using) लिखने को कहे।

इन सब के अलावा आपकी कॉलिंग टीम को कॉल करते समय कुछ ऐसे भी कस्टमर मिल सकते है। जो आपके प्रतियोगी कंपनी का प्रोडक्ट उपयोग कर रहे हैं और वे उसी से खुश हैं आपकी कंपनी का प्रोडक्ट उन्हे नहीं चाहिए। ऐसे कस्टमर के सामने आप अपनी टीम को – ( compitetor product use ) CPU लिखने को कह सकते हैं।

इसके बाद दिन भर की टेलीकॉलिंग में से कुछ कस्टमर ऐसे भी निकलेगे जो आपका प्रोडक्ट तुरंत ही खरीद ले। उनके सामने आप – Sale लिखने के लिए कह सकते हैं।

अब शाम के समय यह पूरा डाटा अपनी टेलीकॉलिंग टीम से कलेक्ट करें और इसे अपने पास सुरक्षित रख ले।

यदि आप अपने टेलीकॉलर्स को यह डाटा पेज पर प्रिंट करके देते है। तो हर रोज कॉलिंग के बाद सभी से डाटा वाले पेज कलेक्ट कर ले और फिर उन्हे अपने पास सुरक्षित रख ले।

यदि संभव हो तो रोज के डाटा को किसी कंप्यूटर में exel file में उसके फीडबैक के साथ सेव कर दें।

यदि आपकी टीम CRM आदि से ही डारेक्ट कॉल करती है, तब तो आपके लिए यह बेहद ही अच्छा होगा। आपको डाटा को फिल्टर करने के लिए अलग से जरूरत नहीं पड़ेगी।

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यदि आप इस तरह हर रोज डाटा को  फिल्टर कर उसके फीडबैक के साथ सेव करते चले जाये, तब आपको इससे भविष्य में बहुत लाभ होगा।

टेलीकॉलिंग किये हुये डाटा को सेव करते जाने से आपको यह निम्नलिखित फायदे होगे –

1 आपको हर बार कॉलिंग के लिए डाटा नहीं खरीदना पड़ेगा।

3            आपके पास एक फिल्टर किया हुआ डाटा रहेगा, जिसमे आपको यह स्पष्ट रहेगा कि यह किन लोगो का डाटा है।

आपके पास ऐसा डाटा कलेक्ट होता जा रहा है जो फिल्टरड है। आपके पास कुछ ऐसा डाटा जो आपका प्रोडक्ट पहले से ही उपयोग कर रहे है।

कुछ डाटा ऐसे लोगो का है जो आपका प्रोडक्ट लेने के लिए पात्र हैं किंतु वे प्रोडक्ट खरीदने के लिए पहले राजी नहीं थे। किंतु इस डाटा पर द्वारा कॉल कराया जाये, उन्हे कोई बेहतर ऑफर दिया जाये, तो ये लोग अब राजी हो जायेगे।

ये जो डाटा अब आपने कलेक्ट कर लिया है इनमे से आप पहली बार मे उन नंबरो को अलग कर चुके हैं, जो नंबर अवैध या सर्विस में नहीं है।

अब जब आपके टेलीकॉलर्स कुछ दिन या महीने बाद आपके इस कलेक्ट किये गये डाटा पर कॉल करेगे तो उनको अवेध व वे नंबर नहीं मिलेगे जो सर्विस में नहीं है।

इससे आपके टेलीकॉलर्स का बहुत सारा समय बच जायेगा, जो वे अवेध व अमान्य नंबरो पर कॉल कर खर्च करते है।

याद रखे यदि आपका टेलीकॉलिंग का कोई बिजनेस है, तो आप हर रोज की कॉलिंग के बाद का डाटा फिल्टर कर अवश्य अपने पास सेव करे।

हो सकता है कि आपको हर रोज टेलीकॉलिंग का डाटा फिल्टर कर सेव कराने में समय व कुछ धन खर्च करना पड़ सकता है, लेकिन लंबे समय में यह एक काम बहुत ही लाभ देगा।

Telecalling ke liye data को फ़िल्टर करने के लिए डायलर का उपयोग किया जा सकता है।

यदि आप किसी ऐसे बिजनेस में है जहॉ आपकी टीम टेलीकॉलिंग कर लीड्स व सैल निकालती है, तब आपके लिए डायलर बहुत ही काम की मशीन है।

जब आपकी टेलीकॉलिंग सेल्स टीम डाटा पर कॉल कर सेल्स निकालने की कोशिश करती है, तब दिन भर में उनके पास कई ऐसे नंबर आते हैं, जो नंबर वेल्डि व मान्य नहीं होते है। ऐसे नंबरो पर कॉल करने से सिर्फ और सिर्फ आपकी टीम का वक्त व आपका पैसा वर्बाद होता है।

आपके पास यदि ऐसा डाटा है जिस पर कॉलिंग कराने पर कई नंबर अमान्य या बंद हो सकते हैं, तब आप सबसे पहले इन नंबरो को डायलर में चला दे। डायलर में इस डाटा को चलाने से डायलर आपको नंबर फिल्टर करके दे देगा। जो नंबर आपके काम के नहीं होगे, आप उनको अपने डाटा में से हटा सकते है।

अब आप अपनी टेलीकॉलिंग टीम को सिर्फ वे ही नंबर दे सकते है जो उनके काम के होगे। इस तरह आाप डायलर का उपयोग कर अपना पैसा व टीम का समय बचा सकते हैं।

यदि आप सेल्स से संबंधित कोई भी जॉब या बिजनेस करते हैं तो हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब अवश्य करें, यह आपको समय समय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कराता रहेगा।

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