car insurance के बारे में जाने ये 8 महत्वपूर्ण बाते

car insurance के बारे में जाने ये 8 महत्वपूर्ण बाते

यदि आप car insurance के बारे में कुछ अवश्यक बाते जानना चाहते हैं, तो इस पोस्ट को अंत तक अवश्य पढ़े।  आपको इस पोस्ट में जो जानकारी मिलेगी, उससे आपको car insurance खरीदने में सुविधा होगी, आप जान पायेगें कि आपको क्या कवर लेना चाहिए और क्या नहीं ? कानूनी तौर पर कौन सा car insurance कराना जरूरी होता है नही तो चालान कट जाता है ?

इस पोस्ट में हम car insurance के संबंध मे उपयोग किये जाने वाले शब्दो के बारे में भी जानेगें। car insurance में first party, third party, add on कवर, नो क्लेम बोनस क्या होता है, insurance पोलिसी में क्या क्या कवर होता है और क्या नहीं होता है ? कैशलेश सर्विस सेंटर इत्यादि के बारे में हम इस पोस्ट में जानेगे।

1.आपको car insurance के बारे में जानना क्यों जरूरी है ?

यदि आपके पास कार है तो आपको car insurance के बारे में सब कुछ विस्तार से पता न हो तो काई बात नहीं है। परंतु आपको कुछ अहम बाते जानना अति आवश्यक हैं, ताकि आपको किसी कार दुर्घटना के बाद आपको insurance क्लेम करते वक्त समस्या न हो।

  आप किसी भी कार डीलर से कार खरीदते हैं, तो वे आपको कार खरीदते वक्त ही कुछ सालो का आपकी कार का insurance करके देते है। और जैसे ही हमारा insurance खत्म होने लगता है वे आपको उसे reniew कराने के लिए कहते है।

 चॅूकि कार डीलर एक बिजनेसमेन है, तो वे आपको वह policy देगे जिसमें उनका अधिक लाभ हो, न कि आपका। यदि आपको car insurance के बारे में कुछ भी नहीं पता होगा तो जैसा आपका कार डीलर काहेगा आप वैसा ही insurance खरीद लेगे।

आपको car insurance मे जो कवरेज नहीं भी चाहिए होता है,वह भी कवर आपको दिया जाता है और जिस कारण आपका insurance प्रेमियम बड़ जाता है।

कई बार ऐसा भी होता है कि आपको policy में जो  कवरेज चाहिए होता है, वो आपके insurance में कवर नहीं दिया जाता है और फिर किसी कार दुर्घटना के बाद, जब आप insurance क्लेम के लिए जाते हैं तो आपको पता चलता है कि आपकी पोलिसी में कुछ चीजे कवर नहीं है जिस कारण आपको insurance क्लेम में कुछ सर्विस मिलती हैं कुछ नहीं। साथ ही में आपको insurance का पूरा पैसा नहीं मिलता है।

यदि आपको car insurance के बारे में कुछ जानकारी है, तो आप अपनी insurance प्रेमियम में पैसा बचा सकते हैं साथ ही मे उन चीजो को कवर कर सकते हैं जिनकी आपको insurance में कवर करने की वाकई जरूरत है।

इस ब्लोग पोस्ट में आप उन महत्वपूर्ण बातो को जानेगे जो आपको car insurance के बारे में जानना अतिआवश्यक है।

2.car insurance में first party, second party व third party क्या होता है ?

आपकी कार है और आप अपनी कार का insurance कराते हैं तो आप first party कहलाते है। जो कंपनी आपका insurance करती है वह second party कहलाती है। यदि आपकी कार से कोई दुर्घटना होती है, आपकी कार किसी अन्य व्यक्ति से, उसकी कार, बाईक, या अन्य किसी बाहन या प्रोपर्टी से टकराई होती है तो उसे third party कहते है।

3.car insurance के कितने प्रकार होते हैं ?

car insurance मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।

third party car insurance 

Comprehensive car insurance

इन दोनो के अलावा अन्य जो भी car insurance होते हैं वे add on होते हैं। अब ये add on क्या है ? इसके बारे में भी हम जानेगे लेकिन पहले third party व comprehensive car insurance के बारे में जान लेते हैं।

4. Third party insurance क्या होता है –

जैसे कि आप ऊपर जान चुके है। आपकी कार जिस किसी भी व्यक्ति, बाहन, कोई प्रोपर्टी आदि से टकराती है, उसे third party कहा जाता है।

third party insurance को ठीक से समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं।

मान लेते हैं कि आपका नाम राहुल है और आपने मोहन की कार को टक्कर मार दी।

इसमें आप यानि राहुल first party है, मोहन जिसकी कार को आपने टक्कर मारी है वह third party है।

आपने यदि केवल third party insurance कराया है, तो इसमें केवल मोहन का नुकसान कवर होगा। आपका नहीं। यदि टक्कर मोहन की कार को लगी और साथ में मोहन को भी चोट पहुँची है, तो इस third party insurance केस में केवल मोहन को उसकी कार व इलाज के लिए insurance कंपनी पेमेंट करेगी।

4.1 third party insurance में कौन कौन व third party insurance में क्या क्या कवर होता है ?

third party insurance में केवल third person वह व्यक्ति जिसके साथ आपने दुर्घटना की है व उसकी प्रोपर्टी कवर की जाती है।

यहाँ पर हमने मोहन को third party माना है, तो दुर्घटना में मोहन कवर होगा, उसके ईलाज व मृत्यु का insurance कवर होता है। 

यदि मोहन दुर्घटना में मर जाता है तो भी अदालत उसकी आय के अनुसार तय करती है कि insurance कंपनी को मोहन के परिवार को कितने रुपये का मुआवजा देना होगा।

third party प्रोपर्टी में मोहन की कार आ जायेगी। यदि first person यानि आपने, मोहन की बाईक, कोई पालतू जानवर जैसे भैंस गाय आदि में टक्कर मार दी है। तो मोहन को उन सभी का भी insurance कंपनी मुहावजा देगी। ये सभी third party प्रोपर्टी में आयेगें।

आप insurance पोलिसी खरीदते वक्त यह चैक कर सकते हैं कि third party प्र्रोपर्टी में क्या क्या कवर किया जा रहा है।

यहाँ पर आपकी कार को सही कराने या आपका ईलाज आदि कारने के लिए कंपनी भुगतान नहीं करेगी। third party insurance में केवल वह व्यक्ति कवर होता है जिसका आपने नुकसान किया है, आप कवर नहीं होते हैं।

दुर्घटना में मोहन के हुये नुकसान के आधार पर अदालत तय करती है कि insurance कंपनी को मोहन को कितने रुपये का मुआवजा देना होगा।

4.2. Third party car insurance कराना कानूनन अनिवार्य क्यों है ?

भारत में मोटर व्हिकल एक्ट 146 के अनुसार किसी भी वाहन का third party insurance कराना कानूनन आवश्यक है। यदि आपकी कार का third party insurance नहीं है तो आपकी कार का चालान कट जायेगा।

कई लोग सोचते हैं कि मैं यदि अपनी कार का insurance नहीं कराता हूँ तो यदि कोई दुर्घटना होती है तो मुझे insurance का लाभ नहीं मिलेगा, तो मुझे कोई परेशानी नहीं हैं। फिर सरकार ने third party  insurance काराना कानूनन अनिवार्य क्यों कर दिया है ?

 कई लोग जो कार या बाईक चलाते हैं उनकी आय सामान्य होती है, यदि उनकी कार या बाईक से कोई दुर्घटना होती है, और उस दुर्घटना में किसी अमीर व्यक्ति की महँगी कार का नुकसान हुआ या फिर उस अमीर व्यक्ति को कोई गंभीर चोट या उसकी मृत्यु हो जाती है।

 तब इस case में जिस व्यक्ति से उस अमीर व्यक्ति के साथ दुर्घटना हुई है, तो वह सामान्य व्यक्ति अमीर व्यक्ति की कार के नुकसान का भुगतान करने में असमर्थ होता है। यदि वह अमीर व्यक्ति मर जाता है तो उसकी आय के अनुसार दुघर्टना करने वाला सामान्य व्यक्ति उसे मुहवजा भी नहीं दे सकता है। इन कारणो को ध्यान में रख कर सरकार ने third party insurance कराना कानूनन अनिवार्य किया है। 

5. Comprehensive insurance क्या है ?

comprehensive car insurance को first party insurance भी कहते है। इसमें जो insurance कराता है यानि कि जिसकी कार होती है, उसकी स्वयं की कार का insurance होता है। आप किसी दुर्घटना मे अपने और अपनी कार के नुकसान की भरपाई के लिए comprehensive car insurance कराते हैं।

comprehensive insurance की प्रेमियम की कीमत third party insurance से लगभग दो गुना होती है।

यदि आपकी कार की दुर्घटना में कोई टूट फूट होती है, तो इसमें आपकी कार की

मेटल पार्टस -100 प्रतिशत कवर होते हैं

प्लास्टिक पार्टस – 50 प्रतिशत

गिलाश पार्टस – 50 प्रतिशत तक कवर होते हैं।

6. car insurance में add on insurance क्या होता है ?

जब आप insurance कराते हैं आपको जो कवर comprehensive insurance में दिया जाता है यदि आप उसके अतिरिक्त insurance कवर कराना चाहते हैं, तो आपको अपनी insurance पोलिसी में add on पोलिसी लेना होता है।

जैसे कि आपने देखा कि comprehensive में आपकी कार के प्लास्टिक पार्टस केवल 50 प्रतिशत तक  कवर होते हैं, आपकी कार का इंजन कवर नहीं होता है यदि आप इन्हे पूरा कवर कराना चाहते है। तो आपको add on कवर कराना होता है।

car insurance मे कराने वाले कुछ add on कवर

6.1  zero depreciation car insurance add on cover –

यदि आप zero depreciation अपनी पोलिसी मे add on कवर कराते हैं, तब आपकी कार में जो भी टूट फूट हुई है, उसका पूरा खर्च insurance कंपनी उठाती है। जैसे आपने देखा कि comprehensive में कई चीजे कवर नहीं होती है जैसे कि यदि प्लास्टिक के पार्टस टूटते  हैं, तो आपका उनका आधा पैसा मिलता है। परंतु यदि आप zero depreciation add on करा लेते हैं, तब आपको कार की टूट फूट की पूरी कीमत का कवर मिल जाता है।

zero depreciation को zero dep add on cover भी कहते हैं।

zero depreciation में भी कुछ चीजे कवर नहीं होती है।

6.1.1  File charge  –

zero depreciation लेने के बाद भी आपको फाइल चार्ज देना होता है।

6.1.2  Consumable parts –

 जो पार्ट घिस जाते हैं, उनकी कीमत हमे ही देनी होती है। जैसे कि oil, ग्रीस, नट बोल्ट व कुछ ऐसे पार्टस जो लगातार घिस जाते हैं जैसे कि टायर आदि।

consumable पार्टस के लिए हम अलग से add on ले सकते हैं, यह zero depreciation में एड नहीं होता है।

6.1.3 Salvage cost –

 हमारी कार में कुछ पार्टस बदले जाते हैं, तो जो टूटे फूटे पार्टस निकलते हैं उन्हे हम वापिस लेकर आते हैं, इसे हम Salvage cost कहते हैं। insurance कंपनी इसका पैसा काट लेती हैं।

6.2  engine protection cover add on –

 आपको अपने इंजन कवर के लिए अलग से add on लेना होता है। यदि इंजन मे पानी आदि भर गया जिस के कारण खराब हो गया, तो इसके लिए आपको engine protection cover लेना होता है।

यदि आपकी कार ऐसी जगह पार्क होती हैं जहॉ बरसात आदि में इंजन में पानी भरने का रिस्क रहता हो, तो अपनी कार पोलिसी में engine protection cover अवश्य लें।

6.3 नो क्लेम बोनस  (no claim bonus) add on cover –

 आदि आप पूरे साल अपनी कार का insurance क्लेम नहीं करते हैं और आप नो क्लेम बोनस add on लेते हैं। तब आपको साल के अंत में आपकी प्रेमियम का कुछ प्रतिशत पैसा वापिस दिया जाता है। यदि यह पैसा वापिस नहीं दिया जाता है, तो उतना पैसा अगले साल की प्रेमियम में से कम कर लिया जाता है।

6.4  Daily Allowance add on insurance cover –

आप कार दुर्घटना में चाटिल हो जाते हैं और आपको अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। यदि आप insurance लेते समय Daily Allowance को add on करा लेते हैं, तब कार दुर्घटना के समय जितने दिन अस्पताल में भर्ती रहते हैं, उतने दिन आपकी इनकम का पैसा insurance कंपनी देती है। यदि आप एक हजार रुपये हर दिन कमाते हैं, तब आपको insurance कंपनी एक हजार रुपये हर दिन देगी, जब तक आप अस्पताल में भर्ती है।

 6.5  24*7 road side assistant  add on insurance cover –

यदि आप insurance में 24*7 road side assistant add on कराते हैं, तब आपकी कार रास्ते में कहीं खराब आदि हो जाती है, तब आप किसी भी समय कार assistant को बुला सकते हैं। आपको assistant को पैसे तो नहीं देने होते हैं क्योंकि आपने इसके लिए कवर ले रखा है, किंतु आपको रिपेयर में जो सामान लगा, उसका खुद देना होता है।

6.6  consumable add on insurance cover –

कार के वे पार्टस जो समय के साथ साथ घिसते और खत्म होते जाते हैं, उन्हे हम consumable पार्टस कहते हैं। insurance पोलिसी मे consumable पार्टस कवर नहीं होते हैं और zero depreciation में भी ये कवर नहीं होते हैं।

यदि आप consumable पार्टस का भी कवर चाहते हैं तो आपको इसके लिए अलग से add on कवर लेना होता है।

7. IDV क्या होता है ? IDV कौन तय करता है ?

insurance में IDV (Insured Declared Value ) यानि कि वह अधिकतम राशि होती है जिसका आप क्लेम कर सकते हैं। car insurance खरीदते वक्त आपको ही आपकी कार की IDV तय करनी होती है। दरअसल यह आपकी कार की मौजूदा कीमत होती है जो आप insurance कंपनी को बताते हैं।

यदि किसी प्रकृतिक आपदा या दुर्घटना में आपकी कार नष्ट हो जाती है या फिर आपकी कार चोरी हो जाती है। तब आपको insurance में उतनी ही राशी मिलेगी जितनी आपकी कार की IDV है।

आपकी कार की जितनी अधिक IDV होगी उतनी अधिक कार की प्रेमियम आयेगी।

8. car insurance policy में कैशलेस सर्विस सेंटर के बारे में  अवश्य पता कर ले

मान लेते है कि आपकी car का एक्सीडेंट हुआ और आपने इंश्योरेंस लिया था और इसके बदले आपने car को सर्विस सेंटर में सही कराने के लिए दी है, तब यदि आप कैशलेस सर्विस सेंटर में car रिपेयर कराते हो तो आपको कोई पैसा नहीं देना होगा।

पर यदि आप कैशलेस सर्विस सेंटर में car ठीक नहीं कराते हो तो आपको पहले अपनी car ठीक कराने के लिए पैसा भरना होगा और बाद में आपको इंश्योंरेंस कंपनी में इंश्योंरेंस के धन राशि के लिए क्लेम करना होगा।

इसलिए इंश्योंरेंस कराते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि कंपनी कैशलेस सर्विस सेंटर की सुविधा दे रही है या नहीं

 इस बात की भी जानकारी कर ले कि इंश्योंरेंस कंपनी यदि कैशलेस रिपेयर सर्विस सेंटर की सुविधा दे रही है तो किस किस शहर में कंपनी के सर्विस सेंटर है। आपकी car जिस कंपनी की है उसी के रिपेयर कैशलेस सर्विस सेंटर है या फिर उसी सर्विस सेंटर में सभी प्रकार की गाड़िया रिपेयर होती है।

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  आपके लिए सबसे बेस्ट रहेगा कि आप जिस शहर में हो और जिन शहरो में आप अक्सर आते जाते हैं, वँहा पर इंश्योंरेंस कंपनी आपको authorised कैशलेस सर्विस सेंटर प्रदान करती हो।

इस पोस्ट में आपको car insurance के बारे में बताई गयी जानकारी कैसे लगी हमे कमेंट बॉक्स मे अवश्य बतायें। साथ ही अपने उन दोस्तो के साथ यह जानकारी अवश्य शेयर करें, जिनके पास कार है।

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